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‘2019 में ही NDA छोड़ने वाले थे नीतीश कुमार’, प्रशांत किशोर ने बताया- आखिर क्यों बदला इरादा

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों 'जन सुराज' यात्रा पर हैं। इस दौरान वह कई दावे कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार को गोपालगंज में पत्रकारों से कहा कि जेडीयू को 2019 के लोकसभा के चुनाव में जब 17 सीटों की पेशकश की गई थी, तो यह तय किया गया कि एनडीए से पार्टी अपनी राह अलग कर लेगी। उन्होंने यह भी बताया है कि आखिर क्यों नीतीश कुमार ने अपने इरादे बदल लिए।

प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने एनडीए से बाहर निकलने से इनकार कर दिया। उन्होंने बीजेपी की प्रचंड जीत को देखकर अपना इरादा बदल लिया।

नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव से क्यों किया गठबंधन?
इससे पहले 27 जनवरी को प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि नीतीश कुमार ने मार्च 2022 में राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन के बारे में बताया था। पीके ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने उन्हें महागठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।

उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपना साथी इसलिए बनाया क्योंकि उन्हें लगने लगा कि 2025 के बाद वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे। वह चाहते थे कि बिहार की स्थिति और खराब हो, क्योंकि तभी लोग यह सोचेंगे कि नीतीश कुमार बेहतर हैं और फिर उन्हें चुनेंगे। वह अपनी कुर्सी बचाए रखना चाहते हैं। इसलिए वह नहीं चाहते कि कोई उनसे बेहतर सत्ता में आए।"

उन्होंने आगे कहा, "जब नीतीश कुमार मार्च 2022 में मुझसे दिल्ली में मिले तो उन्होंने मुझे महागठबंधन के बारे में बताया और मुझसे शामिल होने का अनुरोध किया। उन्हें पता था कि अगर उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा के साथ अपना गठबंधन जारी रखा तो उन्हें हटा दिया जाएगा।  भाजपा अपनी पार्टी से ही किसी को मुख्यमंत्री चुनेगी।"
 

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